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जगद्गुरु कृपालु परिषद की परिवर्तनकारी और देखभाल करने वाली सेवा

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अपने कई धर्मार्थ प्रयासों के माध्यम से, जगद्गुरु कृपालु परिषद एक ऐसा संगठन है जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने निर्माता जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, JKP जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा देखभाल, शिक्षा और महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करके आशा की किरण बन गया है। JKP ने प्रेम, करुणा और निस्वार्थ सेवा पर जोर देकर, समुदायों का उत्थान करके और सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देकर हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। वंचितों के लिए स्वास्थ्य सेवा वंचितों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए JKP का समर्पण इसकी प्रमुख पहलों में से एक है। JKP ने स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच के बिना व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली भयानक परिस्थितियों को महसूस करने के बाद कई स्थानों पर अस्पताल बनाए हैं। ये अस्पताल होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और एलोपैथी सहित निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं। इन अस्पतालों के माध्यम से, हजारों लोगों की जान बचाई गई है और अनगिनत लोगों के दुख कम हुए हैं। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की शिक्षाओं स

Shri Radha: The Supreme Entity and Soul of Shri Krishna in "Bhakti Shatak"

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  In the divine realm of spiritual literature, few works offer as profound an insight into the relationship between Shri Radha and Shri Krishna as "Bhakti Shatak" by Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj . This seminal text, comprising one hundred verses on devotion, elevates the understanding of Bhakti Yoga and provides a unique perspective on the nature of the Divine, particularly emphasizing Shri Radha's unparalleled significance. Shri Radha: The Supreme Entity "Bhakti Shatak" presents Shri Radha not just as a beloved consort of Shri Krishna but as the Supreme Entity herself. This assertion might surprise those accustomed to viewing Shri Krishna as the ultimate deity. However, in the esoteric teachings of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj , Shri Radha is portrayed as the essence of divinity, surpassing even Shri Krishna in her spiritual stature. The text describes her as "the very Soul of the Supreme Soul, Shri Krishna," a profound statement that elevat

Understanding the Essence of Devotion in Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj’s Philosophy

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  Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj , who is well-known as a spiritual leader, was the fifth Jagadguru ever born. He devoted all his time to teaching everybody about the deep meaning of Bhakti which is the only way to reach God. His instructions show how to connect the complicated Vedic teachings with practical spirituality and highlight the transformative strength of genuine and selfless love for God. Bhakti: The Supreme Path to God-Realization Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj believes that devotion, or Bhakti, surpasses both karma and jnana as a means through which one may attain God. Karma consists of deeds united with dharma while jnana is the search for knowledge. Both are devoid of bhakti or devotion. In contrast, bhakti is a holistic road that demands surrendering one’s heart and life to Godliness. However, this abandonment does not simply imply relinquishing power but transformation from within such that in this condition the devotee’s desires align with God’s intentions. Whe
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  The highly-awaited yearly Janmashtami and Radhashtami Sadhana Shivirs for 2024 are announced by the Jagadguru Kripalu Parishat. Attendees from all over the world gather for these spiritual retreats, which hold great significance in the Hindu calendar, to immerse themselves in devotion, meditation, and the teachings of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj . From August 24 to August 26, 2024, Shri Kripalu Dham in Mangarh will host the Janmashtami Sadhana Shivir, with a major celebration of Janmashtami on August 26. The Radhashtami Sadhana Shivir will then occur in 2024, from September 8 to 11, with the Radhashtami festival celebrated on September 11 of that year. Janmashtami Sadhana Shivir: A Journey of Devotion Janmashtami denotes the day when Lord Krishna was born, the holy manifestation who gave us the Bhagavad Gita and showed us how to devote ourselves to God. The Janmashtami Sadhana Shivir is a retreat lasting three days, which offers an opportunity for the devotees to meditate, sin

51 Steps to Successful Life - Keys to Unlock Spiritual Treasure

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  In the world of spiritual literature, very few can encapsulate the core teachings of Vedic wisdom in a way that is easy to understand and profoundly life-changing. One of the great masterpieces is “ 51 Steps to Successful Life – Keys to Unlock Spiritual Treasure.” This English book provides A-Z summary of spirituality for its readers, presenting Vedic teachings in a simple, concise, and practical manner. The Legacy of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj The core of this book contains the teachings of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj , whose views on devotion have been a source of inspiration for innumerable people. He believes that bhakti is the easiest, best, and sweetest way for anyone who is not fully renounced or unattached. He imparts knowledge that allows anyone to touch the spiritual world and grasp deeper about divine love. Essence of Prema Rasa Siddhanta "51 Steps to Successful Life" encapsulates the essence of Shri Kripalu's acclaimed literary work, " Pr

मनोहारी झाँकियाँ: श्री कृष्ण जन्माष्टमी एवं श्री राधाष्टमी महोत्सव पर जगद्‌गुरु कृपालु परिषत् के आश्रमों में सजाई गईं विभिन्न झाँकियाँ

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  अजन्मा जनमेड ब्रज महें आय। इस झाँकी में कृष्ण जन्म का अतीव ही सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया है। सर्वप्रथम कारावास में भगवान् श्री कृष्ण ने वसुदेव एवं देवकी को अपने चर्तुभुज रूप में दर्शन दिये पश्चात् छोटे से शिशु बनकर जन्म लिया। जन्म लेते ही कारागार के समस्त द्वार खुल गये एवं समस्त पहरेदार भी गये। वसुदेव जी छोटे से गोपाल को भीषण वर्षा में यमुना पार कर गोकुल ले जा रहे हैं। माँ यमुना ठाकुर जो के चरण परखारने हेतु अपना जलस्तर लगातार बढ़ा रही हैं। शेषनाग भी प्रभु की वर्षा से रक्षा कर रहे हैं। वसुदेव जी ठाकुर जी को माता यशोदा के निकट सुलाकर योगमाया को अपने साथ ले आये हैं। द्वार इक योगी 'अलख' पुकार। भगवान् शंकर का बाल योगी बनकर छोटे से कनौया के दर्शन हेतु माता यशोदा के द्वार पर जाना एवं नन्दलाल के दर्शन की याचना करना। मैया द्वारा अपने लाल के दर्शन करवाने की अत्यन्त हो रमणीक झाँको का चित्रण किया है। नीको लागे मैया कर खायें ग्रास श्याम। भोले भाले सजीले गोपाल मैया की गोद में बैठे हैं। नन्हें नन्हें हाथों में छोटी सी मुरली है। मैया के एक हाथ में माखन का कटोरा है एवं दूसरे हाथ में मैया

श्री कृपालु जी महाराज की पवित्र धरोहर: गुरुधाम भक्ति मंदिर

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  भक्ति मन्दिर, प्रेम मन्दिर, कीर्ति मन्दिर ये तीन मंदिर तो हमारे गुरुवर, जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रदान की गयी अनमोल धरोहर है, परन्तु जहाँ के काल-कण में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की स्मृतियों साकार स्वरूप में विराजमान हैं, वो है भक्ति धाम की पवित्र धरा पर भक्ति मन्दिर के ठीक सामने स्थापित गुरुधाम भक्ति मंदिर । सफेद इटैलियन करारा मार्बल से निर्मित इस भव्य स्मारक का प्राण प्रतिष्ठा समारोह व उद्घाटन दिनांक १३, १४ व १५ मार्च २०२१ को जगद्‌गुरु श्री कृपालु जी महाराज की तीनों सुपुत्रियों सुश्री विशाख्या त्रिपाठी जी, सुत्री श्यामा त्रिपाठी जी एवं सुश्री कृष्णा त्रिपाठी जी की उपस्थिति व मार्गदर्शन में सम्पूर्ण विधि-विधान से सम्पन्न हुआ। गुरु धाम का शिलान्यास १० मई २०१४ को जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की तीनों सुपुत्रियों द्वारा सम्पन्न हुआ। १७ जुलाई २०१६ को मन्दिर के शिखर पर कलश स्थापना का भव्य समारोह धूमधाम से सम्पन्न हुआ। गुरुधाम मन्दिर के उ‌द्घाटन हेतु सम्पूर्ण कृपालु ग्राम की भव्य ढंग से सुसज्जित किया गया, जिसकी छवि अनुपमेय थी। द्वार पर विशाल कलश, तोरण, आदि की शोभा